नई दिल्ली। सेवाइयोंमें लिपटी मोहब्बतकी मिठास का त्योहार ईद-उल-फित्र भूख-प्यास सहन करके एक महीने तक सिर्फ खुदा को याद करने वाले रोजेदारों को अल्लाह का इनाम है। मुसलमानों का सबसे बडा त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व न सिर्फ हमारे समाज को जोडने का मजबूत सूत्र है बल्कि यह इस्लाम के प्रेम और सौहार्द्रभरे संदेश को भी पुरअसर ढंग से फैलाता है। मीठी ईद भी कहा जाने वाला यह पर्व खासतौर पर भारतीय समाज के ताने-बाने और उसकी भाईचारे के सदियों पुरानी परम्परा का वाहक है। इस दिन विभिन्न धर्मो के लोग गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं और सेवाइयांअमूमन उनकी तल्खी की कडवाहट को मिठास में बदल देती हैं। दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुकर्रम अहमद ने कहा कि ईद-उल-फित्र एक रूहानी महीने में कडी आजमाइश के बाद रोजेदार को अल्लाह की तरफ से मिलने वाला रूहानीइनाम है। ईद को समाजी तालमेल और मोहब्बतका मजबूत धागा बताते हुए उन्होंने कहा कि यह त्योहार हमारे समाज की परम्पराओं का आइना है और एक रोजेदार के लिए इसकी अहमियत का अंदाजा अल्लाह के प्रति उसकी कृतज्ञता से लगाया जा सकता है। दुनिया में चांद देखकर रोजा रहने और चांद देखकर ईद मनाने की पुरानी परम्परा है और आज के हाईटेकयुग में तमाम बहस मुबाहिसेके बावजूद यह रिवाज कायम है। व्यापक रूप से देखा जाए तो रमजान और उसके बाद ईद व्यक्ति को एक इंसान के रूप में सामाजिक जिम्मेदारियों को अनिवार्य रूप से निभाने का दायित्व भी सौंपती है। ऑलइंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना कल्बेजव्वाद ने कहा कि रमजान में हर सक्षम मुसलमान को अपनी कुल सम्पत्तिके ढाई प्रतिशत हिस्से के बराबर की रकम निकालकर उसे गरीबों में बांटना होता है। इससे समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारी का निर्वहन तो होता ही है, साथ ही गरीब रोजेदार भी अल्लाह के इनाम रूपी त्योहार को मना पाते हैं। उन्होंने कहा कि व्यापक रूप से देखें तो ईद की वजह से समाज के लगभग हर वर्ग को किसी न किसी तरह से फायदा होता है। चाहे वह वित्तीय लाभ हो या फिर सामाजिक फायदा हो। मौलाना जव्वाद ने कहा कि भारत में ईद का त्यौहार यहां की गंगा-जमुनी तहजीब के साथ मिलकर उसके और जवां और खुशनुमा बनाता है। हर धर्म और वर्ग के लोग इस दिन को तहेदिल से मनाते हैं। उन्होंने कहा कि जमाना चाहे जितना बदल जाए लेकिन ईद जैसा त्यौहार हम सभी को अपनी जडों की तरफ वापस खींच लाता है और यह एहसास कराता है कि पूरी मानव जाति एक है और इंसानियत ही उसका मजहब है। http://in.jagran.yahoo.com/dharm/?page=article&articleid=4895&category=6 |
Friday, September 10, 2010
Eid रोजेदारों को अल्लाह का इनाम है ईद - Anwer Jamal
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11 comments:
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की ढेरों मुबारकबाद
ये ईद हम सभी के जीवन में एकता और प्रेम की नई मिसाल कायम करे
महक
पूरी मानव जाति एक है और इंसानियत ही उसका मजहब है।
सब को ईद की ढेरों मुबारकबाद...
M. Sajid Ali
शुभकामनायें !
ईद की ढेरों मुबारकबाद...
Aawo gale mile ..........
Apas main prem badhayen........
Dushmani ko Door Bhagaye.......
Dharmik kattarta aur Andhwishwash ko mitayen...........
Sab sath chale............
Sabhi ko ID mubarak ho......
अच्छी पोस्ट और ईद की ढेरों मुबारकबाद ।
सबको ईद मुबारक वंदे ईश्वरम् परिवार की ओर से ।
आपको और आपके परिवार को भी ईद बहुत-बहुत मुबारक हो!
मेरा लेख:
ईद मुबारक!
eid ki bahut bahut mubarak baad!
ईद की मुबारकबाद
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